तेरी मुहब्बत की हिफाज़त
कुछ इस तरह की हमने,
जब देखा किसी ने प्यार से
नज़रें झुका ली हमने ..!
.........................................................
चन्दन की लकङी
फूलो का हार
अगस्त का महीना
सावन की फुहार
भैया की कलाई
बहन का प्यार
मुबारक हो आप को
रक्षा बन्धन का त्यौहा
थाम कर बैठे हो जिसे गर्दिश-ए-वक़्त में वो हाथ छोड़ दोगे
तेरी चूड़ी के शीशे से भी नाज़ुक है मेरा दिल यूँ ही खेल खेल में तोड़ दोगे
कुछ इस तरह की हमने,
जब देखा किसी ने प्यार से
नज़रें झुका ली हमने ..!
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चन्दन की लकङी
फूलो का हार
अगस्त का महीना
सावन की फुहार
भैया की कलाई
बहन का प्यार
मुबारक हो आप को
रक्षा बन्धन का त्यौहा
थाम कर बैठे हो जिसे गर्दिश-ए-वक़्त में वो हाथ छोड़ दोगे
तेरी चूड़ी के शीशे से भी नाज़ुक है मेरा दिल यूँ ही खेल खेल में तोड़ दोगे



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